Curved space geometry in hindi
अवकाश वक्र भूमिति * बाहरी और आतंरिक वक्र(मुड़ाव) कल्पना कीजिए की एक कीटाणु साबुन के बुलबुले के पतले से कवच के भीतर है। हम यह देख सकते है कि साबुन का बुलबुला गोलीय है , न की सपाट। क्योंकि वह हमारे सपाट 3D अवकाश में समाया है जिसमे वह नापा जा सकता है। दूसरी ओर कीटाणु यह समजता है कि वह 2D अवकाश में है। किसी भी बिंदु से वह 2 लंब दिशाओं में से वह कोई एक दिशा में जा सकता है। उसके लिए दिशा सिर्फ उस बुलबुले के भीतर है, उसके बहार का कुछ भी अस्तित्व नहीं है। लेकिन कीटाणु फिर भी यह अवलोकन कर सकता है कि उसका 2D अवकाश समतल नहीं है। दो समान्तर रेखाए कुछ अंतराल पर कोण की रचना करेगी और कोण का योग भी 180° से ज्यादा होगा। यह इसीलिए होता है क्योंकि बुलबुला भीतर से ही वक्र है। अगर उसकी दुनिया का आकार नलाकार होगा तो भी वह यह कहने को सक्षम नहीं होगा की वह वक्र है। इस तथ्य से दूर , बड़े लंबे रस्ते पर आगे सीधा जाते हुए उसे आश्चर्यजनक रूप से एक जानामाना बिंदु मिलेगा, वो अपनी दुनिया की भूमिति को नहीं देख सकेगा जो समतल 2D भूमिति से बिलकुल अलग है। एक नलाकर सिर्फ अत्यंत वक्र है। जब हम अ...