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जलवायु परिवर्तन समय से पहले बच्चो के जन्म के खतरे को बढ़ाता है

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  जलवायु परिवर्तन समय से पहले बच्चो के जन्म के खतरे को बढ़ाता है फोटो क्रेडिट: कोस्मोस न्युज लेटर : 01 मार्च, 2024   कम्प्रीहेंसीव असेस्मेंट ओफ क्लाइमेट चेंज और बच्चों के स्वास्थ्य के मतानुसार समय से पहले बच्चो के जन्म मे वृद्धि, श्वसन संबंधित बीमारी और मौत में अधिकतम बढावा और अस्पताल मे ओर भी ज्यादा बच्चे ये सबकुछ स्वास्थ्य संबंधित परिणाम जलवायु में अतिशय बदलाव का प्रभाव का सारी दुनिया सामना कर रही है।      साइन्स ओफ द टोटल एनवायरमेंट सामायिक में प्रसिद्ध नया अध्ययन कौन सी विशेष जलवायु संचालित चरम सीमाएं भाविक पीढी मे कुछ हानिकारक स्वास्थ्य से जुड़ी है।       यह अध्ययन द युनिवर्सिटी ओफ वेस्टर्न ओस्ट्रेलिया और टेलीथन किड्स इन्स्टीट्यूट के द वॊल-यान रेस्पिरेटरी रीसर्च सेन्टर के संशोधक डॊ. लेवीस वीडा और वैश्विक परिस्थिति विज्ञान के प्रोफेसर मेथीव फ्लिन्डर्स , फ्लिन्डर युनिवर्सिटी से कोरे ब्रेड शो बताते हैं कि अत्याधिक तापमान के संपर्क में आने से समय से पहले जन्म का जोखिम औसतन 60% बढ़ जाएगा। संशोधन कारों ने सरकार की योजनाओ की जानकारी देने के लि...

A tectonic shift in our understanding of the India-Asia collision

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  भारत एशिया टकराव के बारे में हमारी समझ में विवर्तनिक बदलाव        नया संशोधन हमारी इस समझ में बदलाव ला सकती है कि कैसे लाखों साल पहले प्लेट्स की हिलचाल ने महाद्वीप बनाए।      चीन के अध्ययन से पता चलता है कि लाखों साल पहले भारत (India) आज से दोगुना बड़ा था, लेकिन यह तिबेटीयन उच्च स्थल के नीचे दब गया और उपर बढ़ गया।      पृथ्वी की सतह जैसी आज है, हमेशा से वैसी नहीं रही। सैंकड़ों साल पहले सिर्फ दो महाद्वीप थे: लऔरएशइयआ और गोंडवाना।      महाद्वीप और समुद्री खड़क जिसने पृथ्वी की पपड़ी या लिथोस्फेयर बनाया, जो मोल्टेन रोक के उपर है उसे मेल्टन आच्छादन कहते हैं, और यह बहुत ही धीमी गति से खिसकती है। वर्तमान भारत उपमहाद्वीप वास्तव मे गोंडवाना का भाग है, जो करीबन 150 साल पहले इन्डियन प्लेट, एशियन प्लेट के साथ टकराव हुआ, जिससे हिमालय का निर्माण हुआ यह माना जाता है।     हम जानते है कि इस प्रक्रिया के दौरान भारतीय प्लेट के एक हिस्से ने हिमालय के नीचे तिबेटीयन पठार को अपने अधीन कर लिया। इसके बावजूद इस गुम हुए हिस्से का कद...

विश्व की बर्फ 1990 से पॉंच गुना तेजी से पिघल रही है।

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  विश्व की बर्फ 1990 से पॉंच गुना तेजी से पिघल रही है।  संशोधनकारो का कहना है, ध्रुवीय बर्फ अद्वितीय दर से पिघल रही है, और इस वजह से सम्न्दर के स्तर मे एक् चौथाई बढोतरी हो रही है। अर्थ सिस्टम साइंस डेटा मे प्रकाशित हुए आॉंकडे बताते है कि 1990 से पॉंच गुना बर्फ़ के पिघलने मे बढोतरी हुई है, और् इस अन्तिम दशक मे सात साल बहुत ही खराब घटित हुए है। दझनो संस्थाओ काम संकलन जिसे IMBIE (ICE SHEET MASS BALANCE INTERCOMPARISION EXERCISE) से जाना जाता है, उनके बीच के सहयोगसे एक दायके से लम्बे समयसे चल रहे संशोधन के द्वारा  50 उपग्रहो द्वारा एन्टार्कटिका और ग्रीनलेन्ड के 1992 और 2020 के बीच मे बर्फ की। मात्रा मे कमी पर सर्वेक्षण किया। गया। उस समय के दौरान, 7500 बिलियन टन से भी ज्यादा बर्फ दोनो लोकेशन मे अद्रश्य पाई गई। यह उस बर्फ की। मात्रा के बारे मे है, जो 20 घन किमी के बर्फ के टुकडे मे समा पाती । "उपग्रहों के रेकर्ड के अनुसार ग्रीनलेन्ड और एन्टार्कटिका मे बर्फ मे घाटा तेजी से बढ रहा है, जिसका आज के समन्दर के स्तर मे वृद्धि काम मुख्य योगदान है।" Leeds university, UK के लीड संशोध...

NMMS PREPARATION MATERIAL

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NMMS ની તૈયારી માટે નવા NCERT આધારિત પાઠ્યક્રમ ના MCQs વિજ્ઞાન અને ટેકનોલોજી ◆  પ્રથમ સત્ર  માટે અહીં ક્લિક કરો ◆  દ્વિતીય સત્ર  માટે અહીં ક્લિક કરો ગણિત ◆  પ્રથમ સત્ર   માટે અહીં ક્લિક કરો ◆ દ્વિતીય સત્ર   માટે અહીં ક્લિક કરો   સામાજિક વિજ્ઞાન ◆  પ્રથમ સત્ર  માટે અહીં ક્લિક કરો ◆  દ્વિતીય સત્ર  માટે અહીં ક્લિક કરો 💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦💦 નગર પ્રાથમિક શિક્ષણ સમિતિ - અમદાવાદના સૌજન્ય દ્વારા સ્પર્ધાત્મક પરીક્ષાઓના માર્ગદર્શન માટે તૈયાર કરવામાં આવેલ પુસ્તક - 'Nurture Your Excellence' ની પીડીએફ કોપી મેળવવા માટે અહીં ક્લિક કરો 🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋🦋

DRAFT EIA - 2020 in hindi

MINISTRY OF ENVIRONMENT, FOREST AND CLIMATE CHSNGE पर्यावरण , वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय                                     अधिसूचना  कानूनी हुकम -      केंद्र सरकार के निम्नलिखित मुद्दे पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के विभाग 3 के उपखंड (1), विभाग 2 की कलम 5 के तहत भारत के किसी भी भाग में कई परियोजना एवं उसी प्रकार के मौजूद परियोजना के आधुनिकीकरण म् फरजियात क्षमता म् बढ़ोतरी पर प्रतिबंध और रुकावट, पर्यावरण असर मूल्यांकन अधिसूचना का. हु. 1533 और उसके आगामी सुधार 14 सितंबर, 2006 को  पर्यावरणीय नियम , 1986 के नियम 5 के उप- नियम 3 के मुद्दे पर प्रस्ताव दिए है। जनता को जानकारी प्रभावित होने के लिए और इस के द्वारा दी गई सूचना को दर्शाता राजपत्र की नकल को जनता के समक्ष रखने के 60 दिन के बाद इसे ध्यान में लिया जाएगा।      कोईभी व्यक्ति ड्राफ्ट सूचना मे दी गई सूचना के प्रस्ताव पर विरोध  या सलाह देने में रुचि रखता है वो केंद्र सरकार को...

NCERT based primary mathematics videos

ધોરણ 6 થી 8 ગણિત વિડિઓ પ્રથમ સત્ર  ધોરણ 6 પ્રકરણ 1 : સંખ્યા પરિચય ધોરણ 7 પ્રકરણ 1 : પૂર્ણાંક સંખ્યાઓ ધોરણ 8 પ્રકરણ 1: સંમેય સંખ્યાઓ પ્રકરણ 2: એક ચલ સુરેખ સમીકરણ પ્રકરણ 3: ચતુષ્કોણ ની સમજ દ્વિતીય સત્ર  ધોરણ 6 પ્રકરણ 8 દશાંશ સંખ્યાઓ પ્રકરણ 12: ગુણોત્તર અને પ્રમાણ ધોરણ 7 પ્રકરણ 8 : રાશિઓની તુલના પ્રકરણ 13 : ઘાત અને ઘાતાંક ધોરણ 8 પ્રકરણ 8 : બૈજિક પદાવલિ અને નિત્યસમ

Mind boggling experiment suggests multiple realities can exist at the same time described in hindi

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दिमाग को हिला देने वाला प्रयोग जो बताता है कि विभिन्न वास्तविकता समान समय मे मौजूद हो सकती है। एक नए paper में , संशोधनकारो ने कहा कि उन्होंने साबित कर दिया है कि कम से कम क्वांटम दुनिया मे आने पर एक ही वख्त पर दो वास्तविकता मौजूद रह सकती है।    उनकी परिकल्पना की जाँच करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की innsbruk university के प्रायोगिक भौतिकशास्त्र डिपार्टमेंट के संशोधनकारोने दुनिया के सबसे ज्यादा उलझाने वाले Thought experiment को पकड़ा। जिसे Wigner's friend के नाम से भी जाना जाता है।   यह प्रयोग, इसके मूल नोबेल प्राइज विजेता भौतिकशास्त्री यूजिन विग्नर (Eugene Wigner) के नाम पर से आया, जिसे 1961 में मंजूर किया गया और यह एक ही चीज (यहां पर एक ही फोटोन) के दो लोगो द्वारा किया गया अवलोकन का समावेश है।   जब इस फोटोन का अवलोकन किया गया, तब यह या तो horizontal (क्षैतिज )  या vertical ( लंब)  अवस्थामे पाया गया, लेकिन क्वांटम मिकेनिक्स के मतानुसार, अवलोकन करने से पहले, वह superposition की अवस्था मे मौजूद होता है।   Thought experiment  ...