A tectonic shift in our understanding of the India-Asia collision
भारत एशिया टकराव के बारे में हमारी समझ में विवर्तनिक बदलाव
नया संशोधन हमारी इस समझ में बदलाव ला सकती है कि कैसे लाखों साल पहले प्लेट्स की हिलचाल ने महाद्वीप बनाए।
चीन के अध्ययन से पता चलता है कि लाखों साल पहले भारत (India) आज से दोगुना बड़ा था, लेकिन यह तिबेटीयन उच्च स्थल के नीचे दब गया और उपर बढ़ गया।
पृथ्वी की सतह जैसी आज है, हमेशा से वैसी नहीं रही। सैंकड़ों साल पहले सिर्फ दो महाद्वीप थे: लऔरएशइयआ और गोंडवाना।
महाद्वीप और समुद्री खड़क जिसने पृथ्वी की पपड़ी या लिथोस्फेयर बनाया, जो मोल्टेन रोक के उपर है उसे मेल्टन आच्छादन कहते हैं, और यह बहुत ही धीमी गति से खिसकती है। वर्तमान भारत उपमहाद्वीप वास्तव मे गोंडवाना का भाग है, जो करीबन 150 साल पहले इन्डियन प्लेट, एशियन प्लेट के साथ टकराव हुआ, जिससे हिमालय का निर्माण हुआ यह माना जाता है।
हम जानते है कि इस प्रक्रिया के दौरान भारतीय प्लेट के एक हिस्से ने हिमालय के नीचे तिबेटीयन पठार को अपने अधीन कर लिया। इसके बावजूद इस गुम हुए हिस्से का कद के भाग को ग्रेटर इन्डिया कहा जाता है, अनिश्चित बना हुआ है।
अब नए संशोधन मे पाया गया है कि ग्रेटर इन्डिया का वास्तविक क्षेत्र, इन्डिया -एशिया टकराव का समय और कब तिबेटीयन पठार का निर्माण हुआ यह सवाल से जुड़े हुए बहुत से मुख्य सवालों को हल करने के लिए महत्वपूर्ण है।
चाइना युनिवर्सिटी ऑफ जीओसाईन्स, बेईजींग के प्रोफेसर, ज्यउन मेन्ग जिन्होंने PNAS में इस अध्ययन को प्रकाशित करने वाले पहले लेखक थे, उन्होंने बताया कि, इन्डिया -एशिया टकराव के प्राथमिक दो मोडेल है।
"पहला मल्टस्टेज टकराव मोडेल, जो समुद्री तटप्रदेश को भारत की प्रमुख धार पर छोटी प्लेट में विभाजित करता है, वो एशियन प्लेट में शामिल था।" उन्होंने कहा।
"दूसरा मोडेल बताता है कि भारत और ग्रेटर इन्डिया पहले क्रीटेशस अवधि में एक ही प्लेट के रूप में अस्तित्व रखते थे, जिसमें ग्रेटर इन्डिया के उत्तरी छोर की उपरी पपड़ी हिमालय धमाका बेल्ट बना रही है और नीचे की पपड़ी एशिया के अधीन हो गई है।"
उनके साथी, CUBG ,के प्रोफेसर चींगशेन वांग ने आगे बताया,"हमारा लक्ष्य यह समझने का था कि इनमें से कौन सा मोडेल ज्यादा यथार्थ है।"
उनके संशोधन ने दूसरे मोडल का समर्थन किया।
Image credit: cosmos news paper
Image : समय के द्वारा पुन: निर्माण दर्शाता है कि भारतीय प्लेट गोंडवाना उपमहाद्वीप से छूट गई और एशिया के अधीन हो गई। Credit: चाइना युनिवर्सिटी ओफ जीओसाईन्स से ज्यन मेन्ग और लुडविंग मेक्सीमिलियन्स युनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टुअर्ट ए. गिल्डर
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