Mind boggling experiment suggests multiple realities can exist at the same time described in hindi

दिमाग को हिला देने वाला प्रयोग जो बताता है कि विभिन्न वास्तविकता समान समय मे मौजूद हो सकती है।





एक नए paper में , संशोधनकारो ने कहा कि उन्होंने साबित कर दिया है कि कम से कम क्वांटम दुनिया मे आने पर एक ही वख्त पर दो वास्तविकता मौजूद रह सकती है।

   उनकी परिकल्पना की जाँच करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की innsbruk university के प्रायोगिक भौतिकशास्त्र डिपार्टमेंट के संशोधनकारोने दुनिया के सबसे ज्यादा उलझाने वाले Thought experiment को पकड़ा। जिसे Wigner's friend के नाम से भी जाना जाता है।

  यह प्रयोग, इसके मूल नोबेल प्राइज विजेता भौतिकशास्त्री यूजिन विग्नर (Eugene Wigner) के नाम पर से आया, जिसे 1961 में मंजूर किया गया और यह एक ही चीज (यहां पर एक ही फोटोन) के दो लोगो द्वारा किया गया अवलोकन का समावेश है।

  जब इस फोटोन का अवलोकन किया गया, तब यह या तो horizontal (क्षैतिज )  या vertical ( लंब)  अवस्थामे पाया गया, लेकिन क्वांटम मिकेनिक्स के मतानुसार, अवलोकन करने से पहले, वह superposition की अवस्था मे मौजूद होता है।

  Thought experiment  में, दोनों अवलोकनों, और इसीलिए दोनों वास्तविकता वो प्रस्तुत करते है, एक साथ ही साबित किया जा सकता है।

  जबकि Wigner's friend  लंबे समय से लुभावना रहा है, क्वांटम क्षेत्र में अग्रिम है। और भौतिकी ने संशोधनकारो को इस थ्योरी को परखने की अनुमति दे दी और वो Edinburgh के Heriot - watt university के Massimiliano Proietti और कॉलेजो ने जो किया था बिलकुल वही था।

  6 entangled फोटोन का इस्तेमाल करके प्रकाश के कण जिसका भविष्य एकदूजे से बंधा हुआ था -  Proietty और सहयोगी Wigner's friend का परिणाम कहने को सक्षम थे।

जब अवलोकन किया गया, फोटोन ध्रुवीकरण की अवस्था मे मौजूद थे, लेकिन जब interference experiment का उपयोग करके परीक्षण किया गया तब यह निष्कर्ष निकाला गया कि फोटोन्स फिर भी superposition की अवस्था मे मौजूद था। 

अध्ययन का निहितार्थ सिर्फ प्रयोग की लंबी चर्चा की ही पुष्टि नहि करता लेकिन किस प्रकार अवलोकन किए जाते है उसके आधार को भी चुनौती देता है।

वैज्ञानिक पद्धति तथ्यों, पुनरावर्तित मापन के जरिए स्थापित और सार्वत्रिक, जिसने उसका अवलोकन किया है उससे स्वतंत्र माना गया हो उसपे निर्भर करती है।  - Proietti ने एक पेपर में बताया।

क्वांटम मिकेनिक्स में , अवलोकनों की वस्तु निष्ठता साफ नही होती। फिर भी वे तथ्यों न ही सच, गलत, या न ही दोनों साबित होती है  - Proietti का कार्य मानती है कि विज्ञान अपने आप ही बदलता होना चाहिए।

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