An unique type of object in our solar system in hindi

हबल ने हमारे सौर मंडल का  एक अद्वितीय पदार्थ खोज निकाला है।



NASA/ESA हबल स्पेस टेलिस्कोप ने मंगल और गुरु के बीच के asteroid बेल्ट (लघुग्रह के पट्टे) के बीच मे एक असामान्य प्रकार के पदार्थ की दिलचस्प लाक्षणिकता का अवलोकन किया है। सोचिए क्या? चलो हम आपकी उत्सुकता को स्वीकार कर बता ही देते है कि वो क्या है। दो asteroids, जो एक दूसरे की परिक्रमा कर रहे है। जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। 

अब आपके मन मे सवाल उठेगा की क्या दो asteroids एक दूसरे की परिक्रमा कर सकते है?  आज तक तो इस कभी सुना नही। इसीलिए तो इसे अद्वितीय कहा गया है। an unique . बस इतना ही नही, अभी तो एक बात और जानना भी बाकी है, जो है इनका बर्ताव। ये बिल्कुल पुच्छल तारे की तरह बर्ताव कर रहे है। यह पहला दोहरा (binary) asteroid है जिसे पुच्छल तारे के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है। 


यह ESA/NASA हबल स्पेस टेलिस्कोप की इमेज का सेट पुच्छल तारे की तरह लक्षण दर्शाते हुए और एक दूसरे की परिक्रमा कर रहे दो asteroids की है। इसमें द्रव्य का प्रकाशित तेजावलय शामिल है, जिसे coma के नाम से जाना जाता है, और साथ मे धूल से बनी पूँछ भी शामिल है। इस asteroid की जोड़ी को 288P नाम दिया गया है।


288P सूरज के निकटतम स्थान पर पहुचने के ठीक पहले , पृथ्वी के इतने करीब था कि खगोलविद NASA/ESA के हबल स्पेस टेलिस्कोप  की मदद से इसके रूप का विवरण कर सके। 

यह image दोहरे प्रणाली में चल रही प्रक्रिया को दर्शाता हैओ। पूँछ का दृश्यमान हलनचलन अवलोकन के दौरान सूरज , पृथ्वी और 288P के बीच के संबंधित संरेखण (alignment- सीधी रेखा ) के बदलाव के कारण प्रक्षेपण का प्रभाव है। 

कण के कद में बदलाव भी पपूँछ की दिशा पर असर करता है। शुरू में पूँछ की दिशा सबसे अधिक लंबे धूल (लगभग 1 मिलीमीटर) की दिशा में थी, जो जुलाई के अंत तक उत्सर्जित हुई। लेकिन, 20 सितंबर, 2016 के बाद पूँछ सूरज की विरुद्ध दिशा में जहाँ छोटे कण ( लगभग 10 माइक्रोन) थे उस ओर दिखाई देना शुरू हो गई, जो विकिरण के दबाव के कारण nucleus से दूर जा रही थी। 



288P की दूसरी image जो मंगल और गुरु की कक्षा के बीच के asteroid belt में दिखी गई है, बताती है कि वास्तव में कोई एक पदार्थ नही है, बल्कि दो asteroid लगभग समान द्रव्यमान (mass) और समान कद का है , जो लगभग 100 km की दूरी पर एक दूसरे का चक्कर लगा रहे है। 

यह अवलोकन binari system (दोहरे प्रणाली) की प्रक्रिया को भी प्रकट करता है। 

"हमने पुच्छल तारे की पूँछ के निर्माण के कारण पानी के बर्फ की उर्ध्वपातक की दृढ़ सूचक का पता लगाया है । " जेसिका अग्रवाल ने वर्णन करते हुए बताया। आपको बता दे कि जेसिका अग्रवाल max plank institute for solar system research, Germany टीम की लीडर और रिसर्च पेपर की मुख्य लेखिका है। 


Credit:. 
NASA, ESA, and J. Agarwal (Max Planck Institute for Solar System Research)

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