ग्रीन हाउस असर
छोटे अवधि के ग्रीन हाउस वायु लंबे अवधि के तक समुद्री स्तर को बढ़ा सकते है ।
मीथेन और दूसरे वायु 10 साल के समय में चिरस्थायी समुद्री स्तर में बदलाव ला सकता है, समुद्र की गर्मी को संग्रह करने की सक्षमता धन्यवाद के पात्र है।
टापू देश टुवालु - अपने सबसे ऊंचे बिंदु से समुद्री स्तर केवल 5 मीटर की ऊंचाई पे है - जो वातावरणीय बदलाव के कारण अदृश्य होने वाला पहला देश होगा- नए नमूने की बनावट दिखाता है कि अपेक्षाकृत तेजी से ग्रीनहाउस वायु को नष्ट करने से भी लंबे सालो तक समुद्री स्तर पर असर होगा।
यदि हम वातावरण में ग्रीन हाउस वायु को फैलाना बंद कर दे , उसके बाद भी सो सालो तक समुद्री स्तर बढ़ता रहेगा। और वह सिर्फ कार्बन डायॉक्साइड नहीं, जो लंबे समय से सालो से वातावरण में मौजूद है, जो दोषी पाया गया है।
कई वायु जैसे की मीथेन और क्लोरोफ्लोरोकार्बन का उत्सर्जन , जो साल के दशक में नष्ट हो जायेंगे, वे भी इस असर को बढ़ाने में बड़ी भूमिका दर्शाता है, एसा प्रतिरूपण के द्वारा दिखाया गया है।
कनाडा के साइमन फ्रेसर यूनिवर्सिटी से किरस्टेंन ज़िकफेल्ड और मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी यु इस से सुसान सोलोमन और डेनिल गर्लफोर्ड ने खोजा की कि छोटी अवधि के ग्रीन हाउस वायु के अदृश्य होने के बाद भी लंबे समय तक समंदर गर्मी को रोक सकता है।
यह काम proceedings of the national academy ( प्रोसीडिंग्स ऑफ़ ध नेशनल अकादेमी ) में प्रकाशित हुआ था।
हाल ही का अभ्यास बताता है कि यदि हम कार्बन डायोक्साइड के उत्सर्जन का आज अंत कर दे, वातावरण गर्म होने शुरू रहेगा और समुद्री स्तर से हजारों सालों तक बढ़ता रहेगा - जैसे की आंशिक बर्फ के टुकड़ों का पिगलन और कुछ उष्णता के प्रसरण से।
यह आंशिक है क्योकि कार्बन डायोक्साइड वातावरण में आसपास फैला हुआ है। अगर हम कार्बन डायोक्साइड को वातावरण में फैलाना 2050 में रोक दे, तो आधे वायु उसके बाद भी 750 सालो तक वातावरण में तो रहेंगे।
पर किसीने मीथेन , क्लोरोफ्लोरोकार्बन जैसे छोटे समय रहने वाले जो कुछ सालों तक वातावरण में रहते है इसके बारे में जांचा ही नहीं। H
इसीलिए ज़िकफेल्ड, सोलोमन और गर्लफोर्ड ने जांचा की यदि हम 2050, 2100 और 2150 में मीथेन उत्सर्जन पूरी तरह से बंद कर दे तो वो समुद्री स्तर के लिए जिम्मेदार रहेगा।
वातावरण में से वायु जल्दी से साफ कर दिए जाये , उसके साथ उससे जुड़ा हुआ वातावरणीय गरमी भी कम हो जाये। पर ऐसा करने के बाद भी मीथेन उसके बाद भी सालो तक समुद्री स्टार बढ़ता रहेगा और दुनिया मीथेन उत्सर्जन को कम करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करेगी, समुद्री स्तर ऊंचा बढ़ता ही रहेगा।
कैसे?????🤔🤔🤔
चालक है सागर जड़ता। जैसे की दुनिया कार्बन डायोक्साइड और मीथेन जैसे वायु की वजह से गर्म हो रही है , और समंदर का पानी गर्म होता है और फैलता है और समुद्री स्तर ऊंचा आता है।
अधिकतर समुद्री गर्मी को हटा देने से, जो काम जीवनकालीय वायु जैसे की मीथेन जैसे वायु के कारण होता है और इसके फलस्वरूप समुद्री स्तर कम होता है, वह अत्यंत धीमा है।
सोलोमन समजते हुए बताते है कि, " जैसे ऊष्मा समंदर के भीतर जाती है, वह गहरी और गहरी चली जाती है, जो आपको निरंतर ऊष्मा का प्रसरण देता है।"
उसके बाद वह वातावरण में फिर से वापस स्थानांतर हो जायेगा और फिर से अवकाश में ठंड उत्सर्जित कर देगा। और वो सो सालो तक की बहुत धीरी प्रक्रिया है।
इसके बावजूद, ये बुरी खबर नहीं है। संसोधनकारो ने 1989 में मोंट्रियल प्रोटोकॉल ढूंढनिकाला है जो ओजोन स्तर को क्लोरोफ्लोरोकार्बन जैसे प्रदूषकों से चरणबद्ध रक्षा करेगा और समुद्री स्तर के बढ़ाव को कम करने में भी मदद करेगा।
अगर मोंट्रियल प्रोटोकॉल को मंजूर नहीं किया गया होता, और देश वातावरण में वलोरोफ्लोरोकार्बन का उत्सर्जन जारी रखता तो संसोधनकारो ने खोजा की 2050 तक पूरी दुनिया समुद्री स्तर में 15 cm की बढ़ोतरी का अनुभव करता।
"आधा फुट काफी महत्वपूर्ण है " सोलोमन ने कहा। "यह अभी तक दूसरा भयानक कारण है कि क्यों मोनोट्रेअल प्रोटोकॉल इस गग्रह के लिए काफी अच्छी चीज है।"
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